तोहफा


एक अमीर के पास एक किसान आया। नई फसल हुई थी और किसान
अपने खेत में उगे रसदार अंगूरों का एक टोकरा अमीर के लिए तोहफे के रूप
में लाया था। संयोगवश उस दिन अमीर का मिजाज गरम था।
वह सुबह से ही
किसी बात पर चिढ़ा बैठा था। किसान ने जब अंगूरों का टोकरा पेश किया तो
अमीर ने एक अंगूर मुंह में डाल लिया। किस्मत की बात कि वह अंगूर खट्टा
था। अमीर काफी चिढ़ गया। गुस्से में भड़क कर चिल्लाया, "ये अंगूर इसी के
मुंह पर मारो।"
अमीर के नौकरों ने टोकरे में से अंगूर उठा-उठा कर किसान को मारना
शुरू किया। किसान पर रसदार अंगूर फचा-फच बरसते जाएं और किसान
चिल्लाए, 'अल्ला हो अकबर। अल्लाह पड़ोसी को खुश रखे।"
अजीब माजरा था। अमीर समझा नहीं। उसने किसान से कहा, "यह क्या
मामला है ? पड़ोसी कौन आ गया बीच में ? पिट कर उसके लिए दुआ क्यों कर
रहे हो?"
किसान बोला, "हुजूर, मैं आपके लिए तोहफे में बड़े, मजबूत आलुओं
का बोरा ला रहा था। मेरे पड़ोसी ने समझाया कि अमीर के लिए अंगूर ले जाना
बेहतर होगा। आज उसी की वजह से बच गया। अभी आलुओं से पिटता तो मेरा
दम निकल गया होता।"
अमीर को हंसी आ गई। उसने किसान से माफी मांगी और महंगे तोहफे
देकर विदा किया।

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