एक समय की बात है जब श्री राम वनवास में थे। उनके साथ उनकी पत्नी सीता और उनके भाई लक्ष्मण भी थे। एक दिन श्री राम और लक्ष्मण ने एक जंगल में घूमते हुए शबरी के आश्रम पर पहुंचे। शबरी उनका स्वागत करते हुए उन्हें अपने आश्रम में लेकर गई।
श्री राम ने उनसे पूछा कि आपका नाम क्या है और कौन होते हैं। शबरी ने उन्हें बताया कि वह एक आदिवासी महिला है जो श्री राम की भक्त है। श्री राम ने उनसे अपनी भक्ति के बारे में पूछा तो शबरी ने उन्हें बताया कि उन्होंने अपने आश्रम में एक बड़ी वृक्षारोपण की शुरुआत की है और अब उन्हें सभी वृक्षों की फलों का सेवन करने का सौभाग्य मिल रहा है।
श्री राम ने उनसे अपने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनके आहार का स्वाद लिया। इसके बाद वे अपने मार्ग के लिए रवाना हो गए। शबरी ने फलों की भेंट के साथ उनका स्वागत किया था।
श्री राम को उनकी भक्ति से बहुत प्रभावित हुए थे। उन्होंने शबरी से कहा कि उन्हें दिखाएं कि कौन से फल मीठे होते हैं। शबरी ने उन्हें अपने आश्रम के बगीचे में ले जाकर फलों का संग्रह करवाया और उन्हें अपने हाथों से सभी फलों को एक-एक करके चखाया। श्री राम को उनकी सेवा करते हुए शबरी का मन बहुत खुश हुआ।
श्री राम ने शबरी की भक्ति को देखकर बहुत प्रभावित होते हुए उनसे कहा कि तुम बहुत धन्य हो, तुम्हारी भक्ति मेरे लिए अमूल्य है। शबरी ने श्री राम से अपनी विनती की कि वे भी उन्हें अपने साथ ले जाएं।
श्री राम ने उनसे उनकी विनती को स्वीकार करते हुए उन्हें अपने साथ ले जाने का फैसला किया। इसके बाद श्री राम, सीता और लक्ष्मण ने अपना आग्रह व्यक्त करते हुए शबरी के आश्रम से विदाई ली और अपने मार्ग का अगला अध्याय शुरू किया।
श्री राम और शबरी की कहानी सभी के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण है। शबरी की भक्ति ने श्री राम को बहुत प्रभावित किया था। श्री राम ने शबरी को बहुत उत्साह दिया और उनसे उनकी भक्ति का वर्णन करने को कहा।
शबरी ने श्री राम के प्रति अपनी बहुत गहरी भक्ति का वर्णन किया और उन्हें बताया कि उन्हें केवल श्री राम के दर्शन ही नहीं, बल्कि उनके चरण स्पर्श करने का भी बड़ा आनंद मिलता है।
श्री राम ने शबरी की भक्ति का सम्मान किया और उन्हें अपनी आशीर्वाद दिया। उन्होंने उन्हें बताया कि उनकी भक्ति ने उन्हें बहुत खुश किया है और उन्हें आनंद का एहसास कराया है। उन्होंने शबरी से कहा कि उनकी भक्ति का अनुसरण करते हुए वे आगे बढ़ते रहेंगे और समस्त विपदाओं से सफलता प्राप्त करेंगे।
श्री राम और शबरी की यह उपलब्धि एक प्रेरणादायक उदाहरण है। यह दिखाता है कि अपने आप को ईश्वर के प्रति समर्पित करना किसी भी दुःख से समझौता नही